Tuesday, March 8, 2011




मनुष्य का कर्तव्य ईश्वर प्राप्ति है। जो ईश्वरीय आज्ञायाओं के पालन अर्थात वेदानुकूल आचरण तथा धर्म के दस लक्षणों पर चलने और अधर्म त्याग से हो सकता है। हमारे देश भारत की पवित्र पावन भूमि पर अनेक संतो, महात्माओं, वीर पुरुषों, समाज सुधारकों व बलिदानियों ने जन्म लिया है। जिन्होने अपने कार्यो एवं वाणी से हिन्दु धर्म व देश का नाम भी ऊँचा किया है। ऐसे ही एक महान कृष्णभक्त सरल एवं ओजस्वी वाणी के भागवत एवं रामकथा प्रवक्ता परम पूज्य श्री पं. आनन्द कृष्ण शास्त्री जी महाराज का जन्म ब्रजमण्डल के शयनवा गाँव में हुआ। जहाँ पर श्रीकृष्ण ने अनेक ऐश्वर्यमयी लीलायें की। ऐसी पुण्यमयी भूमि में पूज्य श्री आनन्दकृष्ण जी का जन्म दिनांक 25.11.1982 को हुआ। आपके पितामह कुलभूषण स्वर्गीय पं. श्री जगमोहन पथसारिया एक महान कृष्णभक्त थे। उनका आदर प्रत्येक प्राणी के मन में स्वभाविक रुप से था।

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